Saturday, July 31, 2010

दोस्ती को परिभाषित करने की कोशिश ,,,,,,एक रचना मेरी डायरी से,,,,,,,,,


दोस्ती एक रिश्ता भी है हमराही के प्यार का ,
दोस्ती एक नाम भी है ,अजनबी के विश्वास का ,
दोस्ती एक सलीका भी है अंजानो से व्यव्हार का ,
दोस्ती एक रंग भी है सावन की बहार का
दोस्ती एक फूल भी है उस बाग के गुलाब का
दोस्ती एक धोखा भी है मिलन के खुमार का
दोस्ती एक टकरार भी है ,संगम पानी और आग का
दोस्ती एक आधार भी है , हर रिश्ते की शुरुआत का
हैं एक अनमोल बंधन इस संसार का ...................

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